Friday 31 October 2014

डिजिटल मध्यप्रदेश की ओर बढ़ते कदम





मध्यप्रदेश स्थापना दिवस - 1 नवंबर पर विशेष

डिजिटल मध्यप्रदेश की ओर बढ़ते कदम

डिजिटल इंडिया के सपने को सार्थक बनाने की दिशा में डिजिटल मध्यप्रदेश की ओर महत्वपूर्ण कदम बढ़ाये जा चुके हैं। बीते समय में जहाँ इन्दौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उल्लेखनीय सफलताओं के साथ संपन्न हुई वहीं आई.टी. के क्षेत्र में भोपाल एवं जबलपुर में आई.टी. पार्क एवं इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना के लिए शुरूआत हुई, वहीं भोपाल को प्रस्तावित "सेमी कन्डक्टर फेब' (सेमी कन्डक्टर वेफर फेब्रिकेशन मेन्युफेक्चरिंग फेसिलिटीज) के रूप में अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक चिप निर्माण इकाई की नई सौगात मिलने जा रही है। समिट में प्रदेश में आई.टी., आई.टी.ई.एस., बी.पी.ओ. एवं बी.पी.एम. में निवेश की सुविधाओं विषय पर सेक्टोरियल सेमीनार में प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए काम की सराहना की गई। इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि "डिजिटल मध्यप्रदेश'' और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे भी इसी प्रकार परिणाममूलक उपलब्धियाँ हासिल की जाती रहेंगी। राज्य शासन ने मध्यप्रदेश इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी इन्वेस्टमेंट पॉलिसी (एज अमेंडेड-2014) और मध्यप्रदेश बी.पी.ओ. एवं बी.पी.एम. इण्डस्ट्री इन्वेस्टमेंट पॉलिसी-2014 जारी की है। इससे निश्चित ही प्रदेश में इन क्षेत्रों में पूँजी निवेश का प्रवाह बढ़ेगा। सेमी कन्डक्टर फेब

'सेमी कन्डक्टर फेब' (सेमी कन्डक्टर वेफर फेब्रिकेशन मेन्युफेक्चरिंग फेसिलिटीज) के रूप में भोपाल को एक अनूठी एवं अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स चिप निर्माण इकाई की सौगात मिलने जा रही है। इससे 'अल्ट्रा हाई-माडर्न तकनीक' के क्षेत्र में प्रदेश के विकास का नया मार्ग प्रशस्त होगा। इसके जरिये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 1 लाख 22 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इसके लिये जापान से भी मदद ली जायेगी। फेब की क्षमता लगभग 40 हजार डब्ल्यू.एस.पी.एम. रहेगी। इसके लिये राजा भोज विमान तल के पास लगभग 100 एकड़ भूमि उपलब्ध करवायी जायेगी।

इस फेब की स्थापना से देश में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एवं मेन्युफेक्चरिंग पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। यह इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग सिस्टम डिजाइन एवं मेन्युफेक्चरिंग के क्षेत्र में क्रिटिकल पिलर के सेटअप को स्थापित करने में मदद करेगा। यह टेक्नालॉजी एवं पूँजी के प्रवाह को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। यह इकाई रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करवाने के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स मेन्युफेक्चरिंग में उच्च वेल्यू एडीशन भी करेगी। आई.टी.एस.ई.जेड. मंजूर

प्रदेश में आई.टी. नीति के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आई.टी. उद्योग में निवेश को आकर्षित करने के लिये लागू आई.टी. नीति देश की सर्वोत्तम नीतियों में से एक है। कौशल विकास तथा बेहतरीन बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता राज्य में निवेश प्रवाह को आकर्षित करती है। बैंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, मुम्बई आदि के बाद अब आई.टी. कम्पनियों को मध्यप्रदेश पसंद आ रहा है।

आई.टी. में निवेश आकर्षित करने के लिये राज्य शासन द्वारा भूमि, स्टाम्प शुल्क में रियायत, विशिष्ट परियोजना लागत की प्रतिपूर्ति, भूमि के उपयोग तथा वैधानिक नियमों में छूट आदि प्रावधानों की पेशकश है।

प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पलेक्स इंदौर, खण्डवा रोड, इंदौर तथा गंगा मालनपुर ग्वालियर में आई.टी. पार्क स्थापित किये गये हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, और जबलपुर में आई.टी. पार्क प्रस्तावित हैं। राज्य में आई.टी. एस.ई.जेड. को औपचारिक मंजूरी दी जा चुकी है। इंदौर के सुपर कॉरिडोर में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस द्वारा 500 करोड़ की लागत से दो चरण में सॉफ्टवेयर डेव्हलपमेंट केम्पस का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में आई.टी. विभाग के पास लगभग 536 एकड़ जमीन उपलब्ध है।

प्रदेश में ब्लॉक-स्तर तक नेटवर्क से जोड़ने के लिये लगभग 24 हजार किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क विकसित किया गया है। सभी ग्राम-पंचायत में इंटरनेट सेवा उपलब्ध होगी। प्रदेश को आई.टी. तथा ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं। इनमें स्कॉच स्मार्ट गवर्नेंस अवार्ड-2013, सीएसआई अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन आई.टी. फॉर कॉम्पलेक्स-2013, सीएसआई निहिलेंट अवार्ड-2009 से 2013 तक लगातार, वेब रत्न अवार्ड, 2009-10, ई-गवर्नेंस के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार 2009-10, NASSCOM सीएनबीसी टीवी 18 अवार्ड 2009, मंथन अवार्ड-दक्षिण एशिया-2009, डीएआरपीजी और सिल्वर आइकान अवार्ड-2008 शामिल हैं।

प्रदेश का पहला ई-कार्यालय

सरकारी प्रक्रियाओं तथा सेवा प्रदाय व्यवस्थाओं में दक्षता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय ई-शासन योजना में प्रदेश में ई-कार्यालय को कोर मिशन मोड प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य "पेपरलेस ऑफिस'' की ओर बदलाव करते हुए सरकार की प्रचालन दक्षता में व्यापक सुधार करना है। पॉयलट परियोजना मेप आई.टी. में एन.आई.सी. के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है।

इसमें 2 अप्रैल, 2014 से मेप आई.टी. में कागज आधारित फाइल प्रणाली के स्थान पर पूर्णतया ई-कार्यालय प्रणाली लागू की गयी है। ई-ऑफिस परियोजना में सभी अधिकारी-कर्मचारियों के सुरक्षित लॉग इन तैयार कर, अधिकारी/निर्णयकर्ता स्तर पर डिजिटल सिग्नेचर जारी किये गये हैं। ई-ऑफिस प्रणाली में वर्तमान में प्रचलित नस्तियों को एक बार स्केन कर ई-ऑफिस सर्वर पर ट्रान्सफर कर दिया गया है, जिसमें सभी पूर्ववर्ती निर्णयों एवं कार्यवाही का ब्यौरा उपलब्ध है। इस तरह मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी ऐसा पहला विभाग है, जिसके ऑफिस को पेपर-लेस बनाया गया है।

ई-ऑफिस में नियमित नस्ती के माध्यम से निर्णय प्रक्रिया के साथ-साथ अवकाश तथा यात्रा आवेदन तथा स्वीकृति, यात्रा बिलों के निराकरण की भी सुविधा उपलब्ध है। ई-ऑफिस के नॉलेज मेनेजमेंट मॉड्यूल में सभी महत्वपूर्ण परिपत्र, निर्णय को भी ऑनलाइन नोटिस बोर्ड पर प्रसारित किया जा सकता है।

ई-ऑफिस वेब बेस्ड होने से अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय के बाहर होने/यात्रा के दौरान भी सिक्योर्ड नेटवर्क के माध्यम से नस्तियों का निराकरण कर सकते हैं। उपलब्ध विभिन्न रिपोर्टस में पत्र अथवा नस्ती किस व्यक्ति के पास पेंडिंग हैं इयकी जानकारी सहज ही उपलब्ध होने से निर्णयों को अनावश्यक कारणों से लम्बित नहीं किया जा सकता। इससे जवाबदेही सुनिश्चित होने से प्रक्रिया में तेजी आती है।

प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिये विशेष कौशल प्रशिक्षण संस्थान खोला जायेगा। इलेक्ट्रॉनिक विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिये एक अकादमिक केन्द्र खोला जायेगा। प्रदेश में नेशनल डाटा सेंटर की भी स्थापना होगी, जिसमें सभी राज्य के महत्वपूर्ण आँकड़े संधारित किये जायेंगे। इसके लिये एन.आई.सी. 200 करोड़ का निवेश करेगी।

केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल और जबलपुर में इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर (ई.एम.सी.) और आई.टी. पार्क का शिलान्यास करते हुए यह बात कही। इसके साथ निजी क्षेत्र की यूनिट सेफ्रान सोलर सिस्टम्स का शिलान्यास भी किया गया। ई.एम.सी. और आई.टी. पार्क में लगभग 10,000 लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे और लगभग 100 करोड़ का निवेश होगा।

ई-शक्ति अभियान

महिलाओं में इंटरनेट एवं कम्प्यूटर के उपयोग को बढ़ावा देने एवं इसके प्रति जागरूकता लाने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेश की 5 लाख महिलाओं को इंटरनेट प्रशिक्षण देने के लिये ई-शक्ति अभियान शुरू किया जा रहा है।

अभियान के लक्षित प्रशिक्षणार्थी समूह में महिला-बाल विकास की आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं सुपरवाइजर, स्वास्थ्य विभाग की महिला ए.एन.एम. एवं आशा कार्यकर्ता, स्कूल शिक्षा की महिला शिक्षक एवं हायर सेकेण्ड्री की छात्राएँ, उच्च शिक्षा की महिला प्राध्यापक एवं छात्राएँ, पुलिस की महिला आरक्षक एवं महिलाकर्मी तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास के महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य, नगर निगम की महिलाकर्मी तथा किसान-कल्याण एवं कृषि विभाग की महिला किसान मित्र सम्मिलित हैं। प्रशिक्षण सरल हिन्दी में जिलेवार गूगल टीम द्वारा दिया जायेगा।

एम.पी. कोड पोर्टल

सूचना प्रौद्योगिकी में किये जा रहे नवाचार एवं अभिनव पहल में एम.पी. कोड पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है। इस पर शासन के महत्वपूर्ण एक्ट, रूल्स-रेगुलेशन एवं नोटिफिकेशन उपलब्ध रहेंगे।

डिजिटल मध्यप्रदेश : एक नजर में

स्टेट डाटा सेंटर का निर्माण तथा सफलतापूर्वक संचालन।

राज्य-स्तर से विकासखण्ड स्तर तक स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क कनेक्टिविटी। अब तक 4000 से ज्यादा कार्यालय जुड़े।

पूरे प्रदेश में विभिन्न लोक-सेवाएँ प्रदान करने के लिये 12 हजार से अधिक नागरिक सुविधा केन्द्रों की स्थापना।

स्टेट पोर्टल तथा स्टेट सर्विस डिलिवरी गेट-वे का निर्माण एवं संचालन।

जियोग्राफिकल इन्फारमेशन सिस्टम की प्रभावी स्थापना के लिये स्टेट स्पेशियल डाटा इन्फ्रा-स्ट्रक्चर का निर्माण।

भोपाल में भारतीय सूचना संस्थान (आई.सी.टी.) की स्थापना की कार्यवाही प्रगति पर।

प्रदेश में राष्ट्रीय मिशन मोड तथा राज्य मिशन मोड में ई-गवर्नेंस परियोजनाओं का वृहद स्तर पर संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस परियोजनाओं में ई-जिला, ई-कोर्ट और ई-ऑफिस परियोजना शामिल हैं। इसके अलावा ई-रोजगार पोर्टल, एस.आर.डी.एच. परियोजना और क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग सिस्टम भी संचालित हो रहा है। राज्य ई-गवर्नेंस परियोजनाओं में ई-पंजीयन, वाणिज्यिक कर, परिवहन कार्यालयों एवं प्रक्रियाओं का ऑटोमेशन, महाधिवक्ता कार्यालय और व्यापम का कम्प्यूटराइजेशन, समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम और ई-गतिमान योजना प्रमुख है।

प्रदेश में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की कार्य-संस्कृति को और बेहतर बनाने के लिये राज्य से जिला-स्तर तक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की पद-स्थापना की मंजूरी दी गई है। ये प्रोफेशनल्स बड़ी परियोजनाओं को तय समय-सीमा में और निर्धारित लागत पर पूरी करने में सहयोग करेंगे। राज्य सरकार द्वारा (CPCT) Computer Profeciens and Compentency Test को प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। यह परीक्षा डाटा एन्ट्री अर्हता परीक्षा के रूप में CAT की तर्ज पर प्रतिवर्ष 2 बार होगी।

प्रदेश की ई-मेल नीति-2014 जारी की गई है। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। प्रदेश में राज्य से विकासखण्ड-स्तर तक आई.टी. कॉडर बनाया गया है। प्रदेश के 15 जिले में 25 करोड़ लागत से क्षेत्रीय आई.टी. प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किये गये हैं।

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