Friday 31 October 2014

शिवराज सिंह चौहान : जिद, जुनून और जज्बे से बना व्यक्तित्व







शिवराज सिंह चौहान : जिद, जुनून और जज्बे से बना व्यक्तित्व

सामाजिक जीवन में सक्रिय कार्यकर्ता का व्यक्तित्व कार्य और व्यवहार से बनता है। भारतीय राजनीति के शिखर पर उभरते राजनेता शिवराज सिंह चौहान का 55 वाँ जन्म दिवस उनके व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों को समझने का उपयुक्त अवसर है। शिवराज सिंह चौहान का व्यक्तित्व बहुमुखी है। वे राजनीति में शुचिता के पक्षधर और विरोधियों के प्रति सहिष्णुता तथा सहृदयता के नवीन मानदंड स्थापित करने वाले प्रभावी राजनेता हैं। मध्यप्रदेश के राजनीतिक इतिहास में लगातार तीसरी बार एक राजनीतिक दल की सरकार बनाने वाले कुशल संघटक हैं। मंथर गति से चलने वाली नौकरशाही को दौड़ाने वाले दक्ष प्रशासक हैं। सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के लिए बेटी बचाओ अभियान जैसे दूरदर्शी सामाजिक आंदोलनों के सूत्रधार हैं। बहनों की आँखों में आंसू नहीं आने पाए, इसके लिए चारो पहर चितिंत और सक्रिय रहने वाले भाई हैं। बेटे-बेटियों के जीवन पथ पर कांटे नहीं आए उनके उन्नति में कोई बाधा नहीं रहे, तत्परता के साथ प्रयासरत मामा हैं। कामगारों के बेहतर जीवन स्तर के लिए उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का संकल्प लेकर कार्य करने वाले जननेता हैं। इन सबमें जनकल्याण के लिऐ हर क्षण-पल कार्य करने की जिद, जुनून और जज्बा ही है जिसने उनके व्यक्तित्व का निर्माण किया है। मात्र 12 वर्ष की उम्र में जैत के मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने की उनकी जिद और जुनून आज भी कायम है। एक दिन की मजदूरी में पूरी महीने के राशन की व्यवस्था उनके व्यक्तित्व और उसी जिद, जुनून और जज्बे का कारनामा है।

प्रभावी राजनेता

श्री चौहान का व्यक्तित्व प्रभावी राजनेता का है। दूरदर्शिता-तात्कालिकता, दृढ़ता-विनम्रता और आत्मीयता-सहृदयता का अदभुत संयोजन है। दुष्टों के साथ वज्र से कठोर और सज्जनों के साथ फूल से कोमल व्यवहार उनके व्यक्तित्व की विशिष्टता है। जनता को भगवान मानकर कार्य किया है। इसका सुफल विधानसभा चुनावों में उनकी सरकार की लगातार तीसरी विजय है। जनता के कल्याण के नवीन कार्यक्रमों, योजनाओं की लंबी श्रंखला, निरंतर दौरे कर आमजन के साथ सीधे संवाद और आम आदमी को खास बनाकर कार्य करने की शैली से वे प्रदेश के राजनैतिक आकाश के सबसे अधिक चमकते सितारे बन गये हैं।

कुशल संघटक

श्री चौहान का व्यक्तित्व कुशल संघटक का है जो संगठन को निरंतर मजबूत और उत्तरोत्तर आगे ले जाने की क्षमता रखता है। श्री चौहान ने गरीबों के संरक्षक, किसान पुत्र हैं। उन्होंन अपने चमत्कारी व्यक्तित्व से प्रदेशवासियों के दिल में जगह बनाई है। उन्होंने विधानसभा निर्वाचन के प्रचार अभियान का लगभग एकतरफा नेतृत्व किया। मात्र 19 दिनों में 136 विधानसभा क्षेत्रों में 141 आमसभाओं को संबोधित किया। जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सड़क मार्ग से चार हजार किलो मीटर से अधिक यात्रा कर 140 से अधिक क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया। पार्टी के लिए आमजन का सफल आशीर्वाद प्राप्त किया।

संवेदनशील नेतृत्व

श्री चौहान का व्यक्तित्व संवेदनशील है। सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी सोच दूरदर्शी और संवेदनात्मक है। महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय को खत्म करने की बाल्यकाल में बनी सोच न केवल कायम है बल्कि उनकी प्रशासनिक और राजनीतिक शैली का मुख्य आधार है। महिलाओं के सम्मान के लिये उन्होंने सामाजिक अगुआई के साथ कार्य किये हैं। उनके संवेदनशील नेतृत्व में बेटी बचाओ अभियान का सूत्रपात देश में बिगड़ते लैंगिक अनुपात को नियंत्रित करने का प्रयास है। महिला अत्याचारों पर राज्य में पूर्ण विराम लगाने का प्रयास शौर्यादल के माध्यम से किया है। स्थानीय निकायों में महिला आरक्षण, पुलिस बल में विशेष बटालियन, महानगरों में महिला सेल और महिलाओं पर अपराधों के मामलों में समय-सीमा में अनुसंधान जैसी पहल सामाजिक विषयों के प्रति उनके व्यक्तित्व की संवेदनशीलता का परिचायक है।

सक्षम प्रशासक

मुख्यमंत्री श्री चौहान का व्यक्तित्व दक्ष प्रशासक का है। मुख्यमंत्री का शासनकाल उनके प्रशासकीय गुणों की उत्कृष्टता का बयान करता है। जिसे विरासत में बीमारू मध्यप्रदेश मिला। अनुभवहीन प्रशासक की आशंकाऐं भी थीं। श्री चौहान ने दिन के 20 से 22 घंटे तक लगातार कार्य करते हुये योग्य प्रशासकों की टीम मध्यप्रदेश बना ली। प्रदेश में विकास की उपलब्धियों का नया इतिहास रचा है। राज्य को अनेक अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुये हैं। सिंचाई क्षेत्र के रकबे में बढ़ोत्तरी, कृषि उत्पादन में क्रांति, विकास दर में वृद्धि, स्वास्थ्य सूचकांको में सुधार, रोजगार और उद्योगों, धंधों के नये अवसरों का सृजन आदि अनेक क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियाँ उनके सक्षम प्रशासन का प्रतिफल है।

सहृदय व्यक्ति

श्री चौहान का व्यक्तित्व सहृदय व्यक्ति का है। उनकी विनम्रता अभूतपूर्व है। जनता से सम्मानीय दूरी (Respectable Distance) रखने के निरंतर मिलने वाले सुझाव और सुरक्षा की विवशताओं का दवाब भी उन्हें आमजन से घुलने-मिलने से नहीं रोक पाती है। यहां-वहां वह सुरक्षा के घेरे और प्रोटोकॉल के प्रतिबंधों के बाहर जाकर आमजन के दु:ख में सहभागी हो जाते हैं। एक स्थान पर तो एक बीमार आदमी ने पेशाब की थैली तक उनको पकड़ा दी। आमजन में उनकी विनम्रता के भरोसे का सम्भवत: यह सबसे प्रभावी प्रतीक है। सहृदयता को उनके व्यक्तित्व में सर्वोच्च स्थान है। फिर चाहे विरोधियों के साथ व्यवहार की बात हो अथवा आपदाओं में प्रदेशवासियों की मदद की हो। उनके व्यवहार का आधार सहृदयता ही रही है। उत्तराखंड की बाढ़ में फँसे तीर्थयात्री, ओले-पाले से जूझ रहे किसान अथवा दतिया में मुख्यमंत्री के विरोध प्रदर्शन में दुर्घटनाग्रस्त होने वाली महिला की आर्थिक सहायता के अवसर हो, सभी में उन्होंने विशाल उदारता का परिचय दिया है।

समग्र रूप में देखें तो मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने धीमी गति से चलने वाले तंत्र को सक्रिय और सामाजिक विषयों के प्रति उदासीन जन में नया जोश और उत्साह संचारित करने के प्रयास आओ बनाएं मध्यप्रदेश अभियान की संकल्पना उनकी जिद, जुनून और जज्बे से बने व्यक्तित्व का ही सुफल है।

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